राजकुमारी डायना - राजकुमारी सोनालिका-princess sonalika

राजकुमारी सोनालिका

बहुत समय पहले एक राज्य था। वो इतना दूर था कि बिल्कुल परी देश के पास था। आज के दिन राजा और रानी बहुत खुश थे क्योंकि उनके यहा एक प्यारी सी लड़की पैदा हुई थी और उन्होंने जश्न का ऐलान किया था। जहां परी देश की सभी परियों को नामकरण के लिए बुलाया गया था। ताकि वो राजकुमारी को सबसे प्यारी दुआओं से बक्से।




रानी : ओह! में तो पारियों के आने के लिए बहुत उत्सुक हूं। वो मेरी बच्ची पर उपहारों की बारिश कर देंगे या तो बहुत सारी दौलत या बेहत सुंदरता या फिर थोड़ी बहुत जादुई शक्ति भी दे सकते हैं। 

राजा और रानी ने एक खूबसूरत जश्न रखा राजकुमारी का नाम राजकुमारी सोनालिका रखा गया। सभी परियों ने बच्ची को अच्छे-अच्छे तोहफे दिए। आखिर में थी परी सिंडरेला परी देश की महारानी। परी सिंडरेला आगे बढ़ी और उसने बच्ची को चुम्मा और उसे निडर होने का आशीर्वाद दिया। सभी ने उसे बस चुमते हुए देखा पर किसी ने दुआ देते हुए नहीं सुना। रानी ने अपने साथ खड़ी हुई मोहतरमा से फुसफुसाया।

रानी : ओह! उसने बस तुम्हें चुम्मा दिया? इस में उपकार जैसी कोई बात नहीं हुई। इसे तो उपहार भी नहीं कह सकते। परी सिंडरेला ने ऐसा क्यों किया?

परी सिंडरेला ने सब कुछ सुन लिया था उसने रानी की इस बेइज्जती का बुरा नहीं माना और उसने फैसला किया की समय आ गया है की उन महारानी को सबक सिखाया जाए के मेहमानों से कैसे पेश आते हैं।    

परी सिंडरेला : क्योंकि कुछ लोगों को मेरा तोहफा पसंद नहीं आया है तो मैं एक और देती हूं तुम एक पत्थर दिलवाले राजकुमार से शादी करोगी।

राजा और रानी घबरा गए और वो सोचने लगे क्यों की उन्हे लगा की एक पत्थर दिलवाला राजकुमार वह होगा जिसमें ना तो प्यार होगा ना वो नेक दिल का होगा और ना ही वह किसी को खुशी दे सकेगा उन्हे लगा की एक पत्थर दिलवाला राजकुमार ऐसा होगा जो एक जालिम इंसान होगा।

राजा : हमारी बेटी की किसी पत्थर दिलवाले राजकुमार से शादी नहीं करेगी समझी।
रानी : (रोते हुए।) हम एक परी की बद्दुआ के आगे क्या कर सकते है? 
राजा : मैं एक राजा हूं और अपनी बेटी को कुछ नहीं होने दूंगा।

तो राजा ने एक सुंदर आलीशान बगीचा बनवाया बगीचा सबसे मीठे फलों से और खुशबूदार फूलों से भरा हुआ था बगीचे के बीच में उसने एक मीनार बनवाई और बगीचे के चारों ओर उसने एक ऊंची दीवार बनवाई की सिर्फ सूरज की रोशनी ही अंदर आ सके और अंदर क्या है यह बात किसी को पता ना चले। बगीचे को तीन बड़े-बड़े दरवाजों से बंद किया गया और हजारों सिपाही दिन और रात वहां पहरा देते थे और इसी मीनार में राजकुमारी बड़ी हुई वो इस बगीचे को छोड़ना चाहती थी और दीवार के उस पार की दुनिया देखना चाहती थी। वो उदास थी उसने अपने दिल में जरा भी खुशी महसूस नहीं होती थी। वो परियों की कहानियां पढ़ती थी और उन्ही कहानियों में खो जाती थी पर उसे रॅपन्ज़ेल की कहानी बहुत पसंद थी क्योंकि वह भी उसी की तरह मीनार में कैद थी।

राजा : हमने तुमसे कितनी बार कहा है कि तुम इस मीनार के बाहर नहीं जा सकते हो।
रानी : रोते हुए तूमे बद्दुआ लगी है। मेरी बच्ची सोनालिका तूमे बद्दुआ लगी है।
राजकुमारी सोनालिका : पर मां! हम यह यकीन से कैसे कह सकते है की वो एक बद्दुआ है? आपको पता है ना परीयां ज़्यादातर पहेलियों में बात करती है इसीलिए जरूरी नहीं है कि वह राजकुमारी बुरा इंसान होगा।

वहां पर एक नौकर चाय की ट्रे लेकर आता है और उस ट्रे को टेबल पर रखता है। राजा उस टेबल पर ज़ोर से हाथ पटक कर राजकुमारी सोनालिका से कहते है...इसका और क्या मतलब हो सकता है सोनालिका? राजा के हाथ पर गरम चाय लगती है। 
 
राजकुमारी सोनालिका : मुझे नहीं पता पर यह मान लेना भी गलत होगा कि यह बुरा सिर्फ इसलिए है क्योंकि मुझे समझ नहीं आ रहा है और पिताजी में ऐसे कैद क्यों रहूं? बस इसलिए क्योंकि एक राजकुमार के पास अजीब दिल है?

राजा : बस बहुत हुआ सोनालिका।
 
राजा नौकर के ऊपर गुस्सा करते हुए क्यां तुम प्याली को टेबल पर ठीक से नहीं रख सकते हो?

नौकर : अ...माफी...अ...अ...महाराज (रोते हुए।)

राजा : माफी मेरी जूती दफा हो जाओ। 

राजकुमारी सोनालिका : पिताजी! ये इसकी गलती नहीं है। ये आपकी गलती थी।
राजा : तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हुई? 
राजकुमारी सोनालिका : आपने ही चाय गिराई थी।
रानी : सोनालिका! अपने पिताजी से ऐसे बर्ताव करते हैं!
राजकुमारी सोनालिका : मुझे माफ कीजिए मां पर पिताजी मैं आपकी बेइज्जती नहीं करना चाहती थी। एक राजा होने के नाते आपको हमारे देश के कानूनों का पालन करना चाहिए आप खुद की गलती दूसरों पर नहीं थोप सकते। 
रानी : ओह...सोनालिका! 

सोनालिका नौकर के पास जाकर 

राजकुमारी सोनालिका : मैं अपने पिताजी की ओर से आपसे माफी मांगती हूं समझने की कोशिश कीजिए वह मेरी सुरक्षा के लिए परेशान रहते हैं।
नौकर : ओह...नहीं राजकुमारी जी मेहरबानी करके मुझसे माफी ना मांगे आप बहुत नेक दिल बहुत-बहुत शुक्रिया।

इस राज्य से थोड़ी ही दूर एक राजकुमार रॉबिन दुनिया देखने के लिए अपने घोड़े पर सवारी कर रहा था। एक दिन वो जैसे ही जंगल से गुजर रहा था। उसने एक बुजुर्ग आदमी को देखा। वो बहुत ही बीमार लग रहा था।

राजकुमार रॉबिन : क्या बात है बाबा?
बुजुर्ग आदमी : मैं अपने घर कैसे पहुंचू जो उस पहाड़ पर है क्यूंकी इस धूप की वजह से मुझ में जरा भी हिम्मत नहीं बची चढ़ने की।
राजकुमार रॉबिन : मैं आप को अपने घोडे पर ले जाऊंगा।  
बुजुर्ग आदमी : ओह नहीं...पहाड़ बहुत ही ऊंचा है। तुम्हारा घोडा चढ़ाई नहीं कर पाएगा।
राजकुमार रॉबिन : तो फिर में आपको पीठ पर उठा कर आपके घर ले जाऊंगा।

और राजकुमार रॉबिनने बिल्कुल वही किया। 

बुजुर्ग आदमी : ओह राजकुमार रॉबिन तुम वाकई में नेक दिल इंसान हो। इस एहसान के बदले में मैं तुम्हें एक राज़ बताना चाहता हूं तुम्हारे आने वाले दिनों में मैं बहुत मुसीबत देख रहा हूं पर साथ ही एक बेखोफ दिलवाली राजकुमारी तुम्हें बचा लेगी वो नेक भी है और बहादुर भी और तुम्हारी सच्ची हमसफ़र बनेगी।           

बुजुर्ग आदमी ने राजकुमार रॉबिन को बताया कि उसे राजकुमारी को ढूंढने के लिए कहां पर जाना होगा और उसने यह भी बताया कि राजकुमारी का निडर होना ही उसकी पहचान बता देगा। तो राजकुमार कई दिनों तक सफर करता रहा। वहा राजकुमारी के महल में उस रात एक अजीब मेहमान उससे मिलने आई हेलो राजकुमारी      

राजकुमारी सोनालिका : अरे आप! आप मेरी परी सिंडरेला है! 
परी सिंडरेला : अह...तुमने मुझे पहचान लिया?

राजकुमारी सोनालिका : मैंने आपके बारे में बहुत कुछ सुना है।
परी सिंडरेला : तुमने सुना है मेरे बारे में? या मेरी बद्दुआ के बारे में सुना है? क्या तुम मुझसे नाराज नहीं हो? 
   
राजकुमारी सोनालिका : भला मैं आपसे नाराज क्यों रहूं मेरा मानना है की अपने आप में ही नातो कोई बद्दुआ होती है और नहीं वरदान कुछ होता है  

परी सिंडरेला : समय आ गया है की तुम अपने भविष्य को देखो उसके लिए तुम्हें इस महल को छोड़ना होगा।
राजकुमारी सोनालिका : अह...काश...

परी सिंडरेला : मैं तुम्हारी परी सिंडरेला हूं अगर कोई भी मुसीबत आए तो मुझे याद करना ठीक है? यह आज रात के लिए थोड़ा सा जादू ले जाओ तुम्हें जरूरत पड़ेगी समझी।
राजकुमारी सोनालिका : जादू...?

परी सिंडरेला : याद रखना जादू सिर्फ उनके लिए काम करता है जो इसका सही इस्तेमाल करते हैं।

तो उस रात सोनालिका बगीचे में सैर के लिए निकल पड़ी उन जादुई पत्थरों को साथ लिए। अचानक महल पर एक कोहरा छा गया। 

राजकुमारी सोनालिका : यह सब क्या हो रहा है?

अचानक राजकुमारी सोनालिका के आगे एक अजीब सी रोशनी प्रकट हुई और उसने उसके पीछे आने के लिए कहा। आओ आओ सोनालिका रोशनी के पीछे आओ। अपनी किस्मत की और बढ़ो। सोनालिका ने उस रोशनी का पीछा किया। जादू की वजह से बगीचे के तीनों दरवाजे उसके लिए खुल गए। सोनालिका को यह एहसास हुआ कि जो सिपाही दरवाजे पर पहरा दे रहे थे वह उसे नहीं देख सकते थे।
 
राजकुमारी सोनालिका : तो इसका मतलब की परी सिंडरेला सच में चाहती है कि महल के बाहर चली जाओ!
 
सोनालिका उस रोशनी का पीछा करती रही और महल के बाहर पहुंच गई बाहर जाते ही महल के दरवाजे बंद हो गए और वो उस रोशनी का पीछा करते-करते जंगल के अंदर चली गई और वो जंगल में खड़ी थी कि रोशनी चांद के अंदर गायब हो गई। अपनी जिंदगी में पहली बार राजकुमारी उस महल से बाहर आई थी और वह सब कुछ देख हैरान थी।
  
राजकुमारी सोनालिका : क्या बाहर की दुनिया ऐसी लगती है? ये तो बहोत-बहोत सुंदर है!  

सोनालिका काफी देर तक जंगल के बीच ही खड़ी रही चांद को महसूस करते हुए और रात की खुशबू और आवाज़ को महसूस करते हुए अचानक उसने अजीब आवाज सुनी। उसने देखा की कुछ लोग बाघ के पीछे पड़े हैं। उनके हाथों में तीर और कमान है और वो हमले के लिए तैयार थे। वह बेचारा बाघ उन से भागने की कोशिश कर रहा था और वो एक तालाब के पास जाकर रुक गया। राजकुमार रॉबिन जो पास में ही सो रहा था। उसने भी उस बाघ की आवाज को सुना और वो उस आवाज की तरफ बढ़ा। 

राजकुमारी सोनालिका : रुको! इसे मत मारो इस बिचारे जानवर को जाने दो!
शिकारी : रास्ते से हट जाओ। इस बाघ ने हमारे लोगो पर हमला किया है।
राजकुमारी सोनालिका : तो फिर अपनी जमीन के आगे एक दीवार बना दो पर इस बिचारे जानवर को जाने दो। अपने तीर कमान नीचे रख दो अभी।
राजकुमार रॉबिन : यह तुम्हारी राजकुमारी है इस पर हमला करने की हिम्मत मत कर ना!   
शिकारी : क्या? सच में हम्म....

शिकारी वहा से चले जाते है।

राजकुमारी सोनालिका : तुम्हें कैसे पता मैं कौन हूं?

राजकुमार रॉबिन : मुझे बताया गया था कि एक बेखौफ दिलवाली राजकुमारी इसी राज्य में रहती है।

राजकुमारी सोनालिका : और तुम कौन हो?
राजकुमार रॉबिन : मैं हूं रॉबिन ग्रीनलैंड का राजकुमार एक राज्य जो पहाड़ों के उस पार है। मेने ऐसी सैरदिली और बहादुरी आज तक नहीं देखी राजकुमारी!              राजकुमारी सोनालिका : और तुम यहा क्या कर रहे हो राजकुमार रॉबिन?
राजकुमार रॉबिन : मैं एक साल तक दुनिया की सैर करना चाहता था और जहां जरूरत हो वहां मदद करना चाहता था।
राजकुमारी सोनालिका : अभीअभी तुमने मेरी मदद की है धन्यवाद।
राजकुमार रॉबिन : क्या तुम मेरे साथ सैर पर चलाना चाहोगी?
राजकुमारी सोनालिका : हाँ बिल्कुल।

राजकुमारी सोनालिका और राजकुमार रॉबिन घोड़े पर सवार होके दुनिया की सैर करने निकल पड़े। जैसे-जैसे वो आगे बढ़े उन्हे एहसास ही नहीं हुआ की वो उस खतरनाक जंगल की ओर बढ़ रहे हैं। जो उस जादूगर का है जिसके पास 3 ड्रैगंस है जादूगर लोगों को यूं ही परेशान करता था और शौखिया तौर पर अपना जादू इस्तेमाल करता उसी क्रिस्टल बॉल में राजकुमार और राजकुमारी को देख लिया था तो उसने बुजुर्ग आदमी की शक्ल ले ली।

बुजुर्ग आदमी : इस जंगल की सैर करना मना है क्योंकि यह उस तीन ड्रेगन वाले प्राचीन जादूगर का है जो काला जादू करता है।
राजकुमार रॉबिन : ओह...! 
बुजुर्ग आदमी : क्यू ना आज रात तुम मेरी छोटी सी कुटिया में बीता लो कल सुबह होते ही तुम जा सकते हो क्योंकि सुबह होते ही उसकी ताकत कमजोर पड़ जाती है। 

और इस तरह वो जादूगर जो लोगो को खुश देखकर जलता था उसने राजकुमार और राजकुमारी को गुमराह किया और उन्हें अपने घर ले गया। वहा पर जब उन्होंने उसके डरावने घर में भुतिया मूर्तिअओं को देखा तो राजकुमार का दिल थोड़ी देर के डर से बैठ गया और जादूगर इसी मौके का इंतजार कर रहा था क्योंकि उसके जादू टोने को काम करने के लिए उसे डर की जरूरत थी।

राजकुमार रॉबिन : ये कितनी डरावनी जगह है सोनालिका! 
राजकुमारी सोनालिका : हां अजीत है पर मुझे ये डरावना नहीं लगता है।

जादूगरने उन दोनों पर एक जादू टोना किया पर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसका असर सिर्फ राजकुमार पर ही हुआ है क्योंकि सोनालिका को डर नहीं था तो जादू का असर उस पर नहीं हुआ। उस जादू टोने की वजह से राजकुमार पत्थर में बदल गया सोनालिका हैरान रह गई! पर यह देख कर की जादू का असर सोनालिका पर नहीं हुआ जादूगर और भी ज्यादा हैरान हो गया!

जादूगर : आखिर तुम पर ये जादू का असर क्यों नहीं हुआ राजकुमारी? हजारो सालो तक येसा कोई नहीं था जिस पर मेरे जादू का असर ना हुआ हो! 

अचानक जादूगर का तहखाना टूटने लगा राजकुमारी अपने राजकुमार को पत्थर बनते देखकर उदास हो गई थी पर उस निडर राजकुमारी को याद आए वो काले पत्थर जो उसे परी सिंडरेलाने दिए थे। उसने उस में से एक पत्थर लिया और राजकुमार के जिस्म को छुआ और धीरे-धीरे पत्थर पिघलने लगा और वो राजकुमार वापस जिंदा हो गया। उसी समय सूरज की पहली रोशनी आई और उसने हजारों पत्थरों को देखा और उसे एहसास हुआ की यह वही लोग है जिन्हे जादूगरने पत्थर बना दिया था।   

राजकुमारी सोनालिका : अब मेरे पास बस एक ही पत्थर बाकी है और अभी हजारो लोगो को बचाना भी बाकी है। मेरी मदद करो परी सिंडरेला। अब में क्या करू?
परी सिंडरेला : उस पत्थर को लेकर जादूगर के क्रिस्टल बॉल को छूओ पर उससे पहले ओ...! राजकुमार उस जादूगर को क्रिस्टल बॉल तक लेकर जाओ और उसे तीसरे ड्रैगन के पास बांध दो। 

राजकुमार और राजकुमारी ने ऐसा ही किया जैसे ही सोनालिकाने पत्थर से क्रिस्टल बॉल को छुआ उस क्रिस्टल बॉल से पानी बहने लगा और पानी चार और भर गया और जैसी पानी ने मूर्तियों को छुआ सभी लोग वापस जिंदा हो गए। और जैसे-जैसे सभी लोग जिंदा होने लगे जादूगर धीरे-धीरे पत्थर बनने लगा और अब इसी तरह वो पूरी जिंदगी रहेगा। सभी लोग एक साथ बोले राजकुमारी और राजकुमार बहुत-बहुत शुक्रिया आप दोनों ने हमारी जान बचाने के लिए। राजकुमारी सोनालिका और राजकुमार रॉबिन वापस सोनालिका के महल में चले गए।

राजकुमार रॉबिन : हे महाराज में आपकी बेटी राजकुमारी सोनालिका से शादी करना चाहता हूं।
रानी : पर क्या तुम यह जानते हो कि सोनालिका के ऊपर एक बद्दुआ है और उसका विवाह एक पत्थर दिल राजकुमार के साथ ही होगा।
राजकुमार रॉबिन : क्या...क्या कहा आपने? क्या आप एक बार फिर से वो नाम दोहराएंगी?
रानी : पत्थर दिलवाला राजकुमार मेरी बेटी से...।
राजकुमार रॉबिन : महारानी मैं ही हूँ पत्थर दिलवाला राजकुमार!
राजा : क्या?
रानी : क्या? 
राजकुमार रॉबिन : खेर मेरे लोग मुझे नेक दिलवाला राजकुमार समझते हैं जो लोगो की जिंदगीओं में प्यार, उम्मीद और खोई हुई खुशियों का नूर लाता है। वो लोग कहते हैं की मैं पत्थर दिलों को पिघलाता हूं इसीलिए वह मुझे पत्थर दिलवाला राजकुमार कहते हैं। कुछ साल पहले यही तोहफा उन्होंने मुझे दिया था। 
राजकुमारी सोनालिका : इस महल में बंद रहे कर मेरी उम्मीद और खुशी दोनों खत्म हो गई थी और इसलिए परी सिंडरेलाने मुझे तुम तक पहुंचाया। मैंने आपसे कहा था ना हमें इसे बद्दुआ नहीं समझना चाहिए।  

तभी वहा पर परी सिंडरेला आती हैं।

परी सिंडरेला : ये एक बद्दुआ हो सकती थी सोनालिका अगर तुम उस बाघ के लिए नेक दिल और उस जादूगर के लिए निडर नहीं होती।
रानी : मुझे माफ कर दीजिए क्योंकि नामकरण के दिन मैंने आपका अपमान किया था। मैंने आपके साथ बदतमीजी की मुझे माफ कर दीजिए।

हां परी सिंडरेलाने महारानी को माफ कर दिया था और पत्थर दिलवाले राजकुमार और राजकुमारी सोनालिका की शादी हो गई और वह राजी खुशी रहने लगे और इसलिए कहते हैं अगर हम एक नेक दिल इंसान है जो हमेशा से सभी चीजें और दूसरों की मदद करते हैं और अगर हम निडर है तो हम बुरे हालात को भी एक दुआ में बदल सकते हैं
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